Add To collaction

लेखनी कहानी -26-Nov-2022 एक लड़की

एक लड़की बड़ी सुंदर सी 
उसकी आंखें नीले समुन्दर सी 
सिमटी सी शरमाई सी 
थोड़ी घबराई सी 
किसी के खयालों में डूबी हुई 
लग रही थी खुद से रूठी हुई 
चकित हिरनी सी 
चंचला मोरनी सी 
प्रीत की चूनर ओढकर
प्रेमरस में डूबकर 
अकेली न जाने कहां जा रही थी । 

पर वह अकेली कहां थी 
वह अकेली थी कब 
वह तो हमेशा "उसके" साथ होती है 
उसके साथ जगती है उसी के साथ सोती है 
सपने भी उसी के देखती है 
पूजा भी उसी की करती है 
उसी में जीती है और उसी में मरती है 
जुबां पे हरदम "उसका" नाम 
बातें भी उसी की 
आंखों में भी वही 
दिल दिमाग में भी वही । 

क्या यह प्रेम है ? 
शायद उसे किसी से प्यार हो गया है 
पर प्यार ऐसा भी होता है क्या 
सुना था कि प्यार में लोग पागल हो जाते हैं 
पर ऐसे भी कोई खोता है क्या 
लगता तो नहीं है कि ये प्यार है 
तो फिर यह क्या है ? 
शास्त्रों में इसे भक्ति कहा है शायद 
क्यों , भूल गये मीरा को 
है ना ? 

श्री हरि 
26.11.22 


   9
4 Comments

Haaya meer

26-Nov-2022 07:23 PM

Amazing

Reply

Sachin dev

26-Nov-2022 06:10 PM

बेहतरीन प्रस्तुति

Reply

Gunjan Kamal

26-Nov-2022 10:02 AM

बहुत खूब

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

26-Nov-2022 12:12 PM

धन्यवाद मैम

Reply